प्रेम और सत्य एक ही सिक्के के दो पहलू हैं....मोहनदास कर्मचंद गांधी...........मुझे मित्रता की परिभाषा व्यक्त करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि मैंने ऐसा मित्र पाया है जो मेरी ख़ामोशी को समझता है

Sunday, October 22, 2017

बच्चों के प्रिय दीनदयाल

बच्चों के प्रिय दीनदयाल

दुआ जिओ तुम लाखों साल
बच्चों के प्रिय दीनदयाल।

चाचा-बापू जैसे प्यारे
बच्चों की आँखों के तारे
रचना कौशल अजब आपका
बच्चों में बन जाते बाल।

पत्रकार बन नाम कमाया
शिक्षक बन बच्चों पर छाया
राजस्थानी साहित्य रचकर
हिन्दी में भी किया कमाल।

‘टाबर टोल़ी’ पत्र निकालते
मानद संपादक कहलाते
मेलभाव सबसे रखते हैं
भारत माता के ये लाल।

मृदुवाणी हँसमुख इन्सान
स्पष्टवादिता है पहचान
मिलकर सब कायल हैं इनके
मैं हूँ बिना मिले बेहाल।।

-शिवकुमार यादव,
ग्राम-नेरा कृपालपुर, पोस्ट-गौरीकरन,
तह. भोगनीपुर, जिला: कानपुर (देहात)


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